आरजू इस कदर घबराई.. बातें जहन मे रही..रही यूं फिर जुबां पर न आई।। आंखों से कहने को दिल किया.. दिल किया ही ..और करता रह गया..।। जों ही आंखों से कहना चाहा..कम्बख्त दगा दे गया.. कहने क्या जा रहे थे.. खोया वो इस कदर .. न जाने क्या से क्या कह गया।। #poem#quotes#shayari#love#eyes