सुना है उनकी गली में शोर बहुत है आजकल ज़नाब।। ज़रा देखो मुहल्ले में कोई अजनबी तो नही आया है।।। क़्योंकि अपनो से मिलने का शौक़ तो वो बहुत कम रखते हैं।। और ,जरा कह दो उनसे ज़रा सम्भल कर रहना हम कुछ और थे ज़नाब , अब ज़माना कुछ और है।।।