समृद्धि वही श्रेष्ठ है। जो संसार, समाज विश्व एवं देश सभी को वृद्धि प्रदान करें। जिस समृद्धि के आ जाने से मनुष्य का हृदय संकुचित हो वह समृद्धि किसी भी प्रकार से उचित नहीं हो सकती। #yqdidi #yqthoughts #samridhi #vichar