लकीरें खींच देने से सरहदें नहीं बना करती
दिलों में नफरतों होने से दीवारें नहीं बना करती
मुल्क बन भी गया तो क्या हुआ जज़्बात में
प्यार की बात करने से महलें नहीं बना करती
ये बूढ़ी आंखें रस्ता कब से देख रही है तुम्हारी
ऐसी कमाई करने से प्यारे रिश्ते नहीं बना करती #Quotes#Love#Hindi#शायरी#urdu#Arif