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कितना कम प्रेम मैं ऐसे लिख रहा हूँ जैसे मेरे पास

कितना कम प्रेम

मैं ऐसे लिख रहा हूँ

जैसे मेरे पास एक और जीवन हो
 मैं ऐसे प्रेम कर रहा हूँ जैसे मेरे पास कल का दिन नहीं होगा,

मैं यह नहीं चाहता 

अन्त क्षणों में अधूरी पंक्तियों के दु:ख के साथ
 यह कष्ट भी साथ जाए मेरे पास देने के लिए कितना कम प्रेम था 2!!

कितना काम प्रेम
२०१९-२०२३ Lucknow to Kushinagar

©अनमोल सिंह "निरंजन"
  #कितना कम था प्रेम