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कट गई है डालियाँ ठूँठ पर बैठी हूँ मै सोचती हूँ दुः

कट गई है डालियाँ
ठूँठ पर बैठी हूँ मै
सोचती हूँ दुःख में इनका 
साथ कैसे छोड़ दूँ

घोषला बेशक नहीं
मेरा यहाँ बन पाऐगा
निर्दयी इंसान जैसे
कैसे मैं मुह मोड़ लूँ

©Sunil Kumar Maurya Bekhud
  #साथतुम्हारा