Nojoto: Largest Storytelling Platform

नशीली आंखें नूरानी चेहरा एक तिल होठों पे लगाता पहर

नशीली आंखें नूरानी चेहरा
एक तिल होठों पे लगाता पहरा
पागल करती हसी उसकी
घायल करता काजल गहरा
उसका रंग सुनहरा शाम सा
निगाहों में नशा कोई जाम सा
जब देखा उसे फिर कुछ न देखा
एक वो ही लगा तमाम सा 
सूरत तो उसकी तौबा तौबा
सीरत भी बेमिसाल है
जब से उसने मुड़ कर देखा
बस उसका ही ख्याल है
अब हम भी करे तो क्या करे
उस पर दिल फनाह करे
चलता फिरता रब देखा है
कैसे मोहब्बत ना करे..।।

©jaggi 
  #Nojoto #Shayar #write #writer #jaggiquotes