डुबने का गम ना हो तो तँहरना बडा आसां होता है। जिन्दगी का क्या ? युं तो यंहा हर एक पल कष्टी में संवार है बस पाणी के लँहरो से कष्टी को बचाना है। नितस्मित (पेंशनवार) ©nitukolhe smitnit कष्टी #Life