मत रोको उन कश्तियों को जो साहिल में उतरना चाहती है, वो डूब के मरना चाहती हैं या पार उतरना चाहती हैं। अरमा उनके भी हैं कुछ कर गुजरने के, और यही छोटी छोटी कश्तियां बड़ी बड़ी लहरों से टकराती है। ©Anubhav Sharma कश्तियां