"चलते रहना" रुकना नहीं, झुकना नहीं, सतत, अथक चलते रहना, निर्मल, अविरल द्रुत गति से, निर्झर-सा तू बहते रहना..।। 1. ना डर कि तुझको मुश्किलों से, जंग बहुत-सी लड़नी है, तू चल कि तुझको अपनी हस्ती, खुद ही साबित करनी है, हालात हों प्रतिकूल तो फिर भी, पल भर ना तू सकुचाना.. निर्मल, अविरल, द्रुत गति से.... 2. दुःख हर्ता, संकट-मोचन, तू खुद ही तेरा विधाता है, जब ठान ली है तो कर के दिखला, किस बात से तू घबराता है, चट्टानों की फाड़ कर छाती, उद्घोष विजयी करते रहना... निर्मल, अविरल, द्रुत गति से... 3. बन जा मिशाल, या बन मज़ाक.., हैं दोनों तेरे हाथ में, गर खुद तू खुद के साथ है, तो जग है तेरे साथ में, "किशोर" है तू, फ़ितरत तेरी, है तूफानों से टकराना.. निर्मल, अविरल, द्रुत गति से, निर्झर-सा तू बहते रहना..।। ©कमल "किशोर" चलते रहना #चलते_रहना