ममता आँखों में नमी, पर होंठों पे मुस्कुराहट वो रखती है हमारी हर इक चीज़ का ख़याल वो रखती है उसका दर्द हम समझ जाये न कहीं खुशियों का नक़ाब लगाये वो घूमा करती है... **************************** रात भर दिये सी वो जलती है पहर दर पहर वो बदलती है तकलीफ ना हो हमें कहीं सारी रात वो जगती है... ----------------------------------------------- नदी सी वो बहती है