तेरे शहर में, एक पगडंडी हो तो मेरे नाम की, जिससे गुजर के दस्तक देनी है, तो सिर्फ तेरे दिल पे। चाहे कितनी भी कठिनाइयां आए, कितना भी रास्ता रोक ले यह दुनिया, सह जाऊँगा सितम सारे जमाने के, और पार करूँगा ये अनजान रास्ता। तेरे मेरे शहर का रास्ता तो है दूर, लेकिन हमारे दोनों दिल के बीच तो है नज़दीकियां, क्योंकि अंतर तो रस्तों के बीच होता है, दिल से दिल में नहीं। पता नहीं है तेरा फिर भी, निकल पड़े तुम्हारी खोज में अंधेरे गलियारों में, घर घर जाऊंगा, शेरी मोहल्ला घूमूंगा, लोगों से पूछूंगा, लेकिन पता तेरा ढूंढुगा। तेरे शहर में आकर, ले जाऊँगा तुझे खुशी खुशी, रखूँगा हमेशा तुम्हें संभाल के, मेरे शहर में, मेरे दिल में। सच्चे जज्बातों से । -Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-805 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।