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अब मेरी हसरत और कुछ भी नहीं बची तेरे नाम वो कुर

अब मेरी हसरत और कुछ 
भी नहीं बची 
तेरे नाम वो  कुर्बान हुई

तुझे लगा कर सीने से बड़ा 
सुकून सा मिला था 
तेरे बाद अब वो सुकून भी नहीं रही

©NIKHAT (दर्द मेरे अपने है )
  Lalit Saxena Neel R...Ojha shamawritesBebaak_शमीम अख्तर