गिरगिट से तेज रंग बदलू सारे, मैं तुम्हारा नेता हूँ ओ प्यारे..ओ प्यारे। गिरगिट से तेज रंग बदलू सारे, मैं तुम्हारा नेता हूँ ओ प्यारे, सत्ता के सुख दुःख तुम क्या जानो, सत्ता में है मजे न्यारे न्यारे ! टीवी वाले खेल बताते..हमारे, ठेका लेखा चलता हमारे..सहारे, दलाली के खेल बड़े ही निरालें, उसी लाली से खिलते गाल प्यारे ! तुम हमारे, पर हम कब थे..तुम्हारे, वादें हमारे होते हरदम..करारे, वादों की गाथा है भूल भुलैया, वादों के बल ही जीते है..कुंवारे! चुनावों में हम बन जाते...बेचारे, हम जीते या नही, तुम हरदम हारे, वोटों से चोट खाते हो तुम सदा.. अरे..लोकसाक्षी है परिणाम सारे! कवि आनंद दाधीच 'दधीचि' ©Anand Dadhich #BiharPolitics #netagiri #rajneeti #kaviananddadhich #poetananddadhich #poemonpolitics