काँटोंको देख कर मत रुक जाना पूछना हो जिंदगी का राज़ तो फूलों से पूछना जिन्हे अनुभव हुआ है अमृत का उनसे राज़ मरने वालो का मत पूछना जिंदगी का राज़ पूछना हो तो. हँसते हुए फूलों से पूछना क्योंक़ि इन्हे पता है मौत के बींच हंसने की कला चारो ओर मौत घिरी है और फूलहै क़ि मुस्कराये चला जाता है चारो ओर मौत घिरी है और दीया है क़ि जला चले जा रहा है ©Parasram Arora फूलों से पूछना....