#रत्नाकर कालोनी
रुचिका बहन ने अपने गीत के माध्यम से बताया कि सात फेरों के सातों वचन सैंया जी भूल ना जाना... !
और सुधा ने इस भाव में एक पिता के उन भावों को जोड़ते हुये.. मानो दूल्हे को समझाने की चेष्टा की हो कि कैसे एक पिता अपने दिल पर पत्थर रखकर अपनी बेटी का कन्यादान करता है.. सच में इस गीत ने ना केवल सुधा को वरन वहाँ उपस्थित हर मेहमान की आँखें नम कर दीं... आप भी सुनिये...
फिर इस भावुक पलों से एक गुदगुदाते खूबसूरत रस्म की ओर बढ़ते हैं... जहां थोड़ी सी खट्टी मीठी तक़रार और फिर सुलह कैसे होगी.. ये देखते हैं...
अब आगे #कविता