मुझे मेरे मित्रों से बचाओ।रोज 20-25 कॉल और हर बार कोरोना का रोना। इतनी मौतें हुई, इतना बढ़ा, मेरे गली तक आ गया, बग़ल वाले मकान तक आ गया। भाई, तूने बहुत बड़ी गलती की रुक के, तुम्हें चला जाना चाहिए था। और पता नहीं कितने सारे स्टेटस,अग्रसारित संदेश,ऑडियो, वीडियो जिसमें रोज तरह तरह के एहतियातन कदम, अफ़वाह,अपुष्ट इलाज़ के तरीक़े, ऐसा लग रहा कि कोरोना से तो बच भी जाऊंगा पर डरा डरा कर ये जान निकाल देंगे। ऊपर से खबरों का संक्रमण काल,बढ़ते मरीज़, मौत के आंकड़ें। कभी कभी तो लगता है मौत दरवाज़ा पीट रही और मैं खोल नहीं रहा।मैंने फ़ोन उठाना, मैसेज पढ़ना, खबरें पढ़ना,कोरोना से संबंधित सारी जानकारी इकट्ठा करना बंद कर दिया है। मस्त क्रिकेट खेलता हूं, पढ़ता हूं, मूवी देखता हूं, पढ़ाता हूं। जो होना होगा,होगा, जब तक जियें कम से कम हंसते हुए तो जिएं। मृत्यु अटल, अवश्यंभावी एवं ध्रुव सत्य है, इसे जब आना होगा आएगा, रोकने से भी नहीं रुकेगा। फ़िर, इसकी चिंता में व्यर्थ शरीर को क्यों गलाएं हम? मुझे बख़्श दो शुभचिंतकों, मैं मस्त हूं। #coronavirus #covid19 #yqbaba #yqdidi #life #lifequotes #love #lovequotes