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"न जाने कितने जज़्बात, दफ़न होते हैं सबों रोज सीन

"न जाने कितने जज़्बात, 
दफ़न होते हैं सबों रोज सीने में, 
जिंदगी तु एक कश्मकश है, 
दिल दु:खता है- तुझे ऐसे जीने में। "

Vikram Kumar 'Anujaya' #quotes #poems
"न जाने कितने जज़्बात, 
दफ़न होते हैं सबों रोज सीने में, 
जिंदगी तु एक कश्मकश है, 
दिल दु:खता है- तुझे ऐसे जीने में। "

Vikram Kumar 'Anujaya' #quotes #poems

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