जौन को पढ़ता हूं मैं , यानी दर्द समझता हूं मैं ख़्याल ए हिज्र से बारहा , जाना ख़ून थूकता हूं मैं ©अरफ़ान भोपाली #जौन #दिल #शायरी #nojoto #nojotohindi #poetry #indianwriters