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एक विरानगी है दिल में, तन्हा हम दुनिया की महफ़िल म

एक विरानगी है दिल में,
तन्हा हम दुनिया की महफ़िल में.. 
जैसे कोई अपना नहीं, 
और जो अपना है ,
वो गुम सा  है कहीं.. 
ये अधूरी सी जिंदगी, 
और अधूरे से हम... 
साँसों की ये हलचल, 
जाने कब जाये थम..
एक विरानगी है दिल में, 
बेचैन हम खुशियों की महफ़िल में.. 
जाने दिल क्या चाहता है.. 
शायद नादाँ नाहसिल सुकूँ चाहता है..

©Chanchal's poetry
  #Heart
#sadness