आदि, अंत एवम् अनंत हो आप। पुण्य श्रोत, पाप का अंत हो आप। देवों में देव, देवों के मंत्र हो आप। सब आप से बंधे, स्वतंत्र हो आप। ठठ हो आप किंतु एकांत हो आप। सूक्ष्म हूं मैं और अंखंड हो आप। सरल भाव अपितु नितांत हो आप। जीवों में अंश किंतु अत्यंत हो आप। धरा के कण-कण में पर्यंत हो आप। सूर्य से भी तेज शिव प्रचंड हो आप। ॐॐॐॐमहामृत्युंजयॐॐॐॐॐ 💐💐🙏🙏💐💐 ©mritunjay Vishwakarma "jaunpuri" जय महादेव। #jai_mahakal #Shiva #shivmahima #mjaivishwa