*महाकुंभ(२०२५)* प्रयागराज में लगा है लोगों का हुजूम। महाकुंभ की खुशी में लोग रहे सब झूम। पतित पावनी नदियों का पुनीत यह संगम, तीर्थराज प्रयाग परम पावन देव भूम।। दुनिया से लोग आते करने शाही स्नान। अमृत बूंद जहां गिरी यही वह पावन स्थान। सभी संत इस पुनीत अवसर पर आते हैं, संतों के अखाड़े हैं महाकुंभ की शान।। कई सदियों से यहाँ पर लगता है मेला। कुछ आते समूह में कोई सिर्फ अकेला। हर दिन लंगर चलते रहते सुबह शाम हैं, झोली भर घर जाते जेब न हो इक धेला।। गंगा यमुना सरस्वती का पवित्र संगम। त्रिवेणी नदियों का दृश्य है बहुत विहंगम। महाकुंभ अवसर पर देव धरा पर आते, शाही स्नान हेतु आता संतों का जंगम।। कुछ दर्शन को आते ,कुछ लेने गुरु दीक्षा। हर एक जन को मिलती यहाँ सनातन शिक्षा। भूखे को भोजन, प्यासे को पानी मिलता, कोई खाली न जाता सबको मिलती भिक्षा।। बारह -बारह से गुणा तब आता यह पर्व। सनातनी इस पर्व पर हमें बहुत है गर्व। पावन त्रिवेणी तट की महिमा बड़ी अपार, जिसकी गाथा गाते जन ,देव, मुनि, गन्धर्व।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #महाकुंभ2025 #मुक्तक #कविता #भक्ति #संगीत भक्ति भजन