White शीर्षक- हमको नहीं गम कुछ भी --------------------------------------------------------- हमको नहीं गम कुछ भी, कि तुमको अपना बना नहीं सके। छोड़ दिया ख्याल तुम्हारा, कि मांग तेरी हम सज़ा नहीं सके।। हमको नहीं गम कुछ भी----------------------।। तुमने दिया है हमको क्या, कि हम मनाते आकर तुमको। बोले नहीं अपनों की तरह, हम हाथ तुमसे मिला नहीं सके।। हमको नहीं गम कुछ भी------------------------।। तुमको फिक्र है अपनी खुशी की, हमारे दुःख से मतलब नहीं। मालूम तुम्हें है अरमां हमारे, सिर तुमको हम झुका नहीं सके।। हमको नहीं गम कुछ भी-----------------------।। बर्बाद हम होना चाहते नहीं, बदनाम हम होना चाहते नहीं। हमारे लिए कब दुहा की तुमने, तुम्हें हम साथी बना नहीं सके।। हमको नहीं गम कुछ भी----------------------।। तुमको नहीं अच्छी लगती है, हमारी हस्ती- हमारी बस्ती। खुश हैं हम इस छोटे शहर में, हम मनाने तुम्हें आ नहीं सके।। हमको नहीं गम कुछ भी-----------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #गज़ल