Nojoto: Largest Storytelling Platform

ज़माने की जद्दोज़हद में, न ख़ुद को बेक़रार करना..! लौ

ज़माने की जद्दोज़हद में,
न ख़ुद को बेक़रार करना..!

लौट आऊँगा मैं दुनिया में तुम्हारी,
बस मेरा इंतज़ार करना..!

झूझना अकेलेपन से बेहतर है,
पर किसी पे ऐतबार न करना..!

बनाना ख़ुद को क़ाबिल इतना,
दुनिया में ख़ुद को मशहूर यार करना..!

ख़बरें क़ब्रों में दफ़्न हो जाती हैं,
तुम ख़ुद को प्रसिद्ध अख़बार करना..!

दिखाना सच का आईना सभी को,
किसी के खौफ़ से न डरना..!

ज़िन्दगी है पल दो पल की मेहमान,
एक दिन तो है सभी को मरना..!

तुम बनना आसमान ऐसा,
बहाये जो ख़ुशहाली का झरना..!

बटोरना कर्मों को जग में नेकी करके,
लोगों का जीवन सुख से भरना..!

पीछे न हटाना कदम अपने,
न ही जिम्मेदारियों से मुकरना..!

मैं चाहता हूँ तुम में देखना अक्स अपना,
तुम किरदार में मुझ सा सँवरना..!

रौशन करो ख़ुद को इतना कि,
अँधकार को पड़े तुमसे डरना..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #ArabianNight #jaddozahad