जहाँ हर दिन सिसकना है जहाँ हर रात गाना है,हमारी जिन्दगी भी एक तवायफ का घराना है,बहुत मजबूर होकर गीत रोटी के लिखे मैने, आपकी याद का क्या है जी उसे तो रोज आना है।✍️✍️✍️✍️ ©प्रभाकर सेन जहाँ हर दिन सिसकना जहाँ हर रात गाना है। #flowers