Nojoto: Largest Storytelling Platform

छोटे से मन में उलझे,अनगिनत सवाल हैं, एक शांत झील

 छोटे से मन में उलझे,अनगिनत सवाल हैं,
एक शांत झील में मचा ,ये कैसा बवाल है,

क्या धर्म है मेरा ,मैं किस मज़हब से जुड़ी हूँ,
मैं  बिन  कुसूर  के ही, पिंजरे में क्यों पड़ी हूँ,

बताया था अब्बू ने ,कि ईश्वर अल्लाह एक हैं,
जिसमे बसती है इंसानियत ,इंसान वही नेक है,

इंसान क्यूँ इंसान की  ,बोटी  को  नोंच खा रहे,
मोहब्बत के जहान में,कौन फ़साद ये भड़का रहे,

चुपचाप सब सहने को ,क्यूँ मजबूर हो गए हम,
शांति काकी ,रामू चाचा , सबसे दूर हो गए हम,

राधा कहती थी ,कि गुड्डे और गुड़िया का ब्याह रचायेंगे,
तू अपनी गुड़िया ले आना ,हम अपना गुड्डा लेकर आयेंगे,

क्या हुआ ऐसा कि ऊंच नीच की दीवार खड़ी हो गई,
मज़हब की दुनिया , क्या इंसानियत से बड़ी हो गई,

हे ईश्वर ! या अल्लाह ,अब रोक लो इस तूफ़ान को,
वरना ये ले डूबेगा एक दिन ,इस पूरे ही जहान को ।।

-पूनम आत्रेय

©poonam atrey
  #क्योंमजबूरहुएहम  Praveen Jain "पल्लव" Sethi Ji @gyanendra pandey R K Mishra " सूर्य " hardik Mahajan  Balwinder Pal Niaz भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Banarasi.. Suresh Gulia  शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) Anshu writer Badal Singh Kalamgar प्रज्ञा sana naaz  Bhavana kmishra Sunita Pathania narendra bhakuni वंदना .... Anil Ray  सचिन सारस्वत Saloni Khanna Bhardwaj Only Budana हिमांशु Kulshreshtha Navash2411  Ambika Mallik Lalit Saxena shashi kala mahto Senty Poet Rakesh Srivastava  Kamlesh Kandpal Adarsh S Kumar अदनासा- Reema Mittal  Rahil Mehra  Poonam Suyal Shilpi Singh Mahi ANIL KUMAR,) अब्र (Abr)