"नदी " का पानी "मीठा " होता है क्योंकि नदी हमेशा पानी "देती " रहती है। और "सागर " का पानी "खारा" होता है , क्योंकि वह हमेशा पानी "लेता " रहता है। और "नाले "का पानी "दुर्गंध" देता है, क्योंकि वह " रुका " हुआ होता है । "यही तो जिंदगी है " "देते रहोगे " तो सबको " मीठे" लगोगे, "लेते रहोगे" तो सब को "खारे "लगोगे, "और रूक गये "तो " बेकार "लगोगे। "सत्कर्म ही जीवन है" DS Bhardwaj #सत्कर्म ही #जीवन है