Nojoto: Largest Storytelling Platform

"नदी " का पानी "मीठा " होता है क्योंकि नदी हमेशा

"नदी " का पानी "मीठा " होता है क्योंकि 
नदी हमेशा पानी  "देती " रहती है।
 और "सागर " का पानी "खारा" होता है ,
क्योंकि
 वह हमेशा पानी "लेता " रहता है। 
और "नाले "का पानी "दुर्गंध" देता है, क्योंकि 
वह " रुका " हुआ होता है ।
"यही तो जिंदगी है "
"देते रहोगे " तो
सबको " मीठे" लगोगे, 
"लेते रहोगे" तो सब को "खारे "लगोगे,
"और रूक गये "तो " बेकार "लगोगे।
"सत्कर्म ही जीवन है"
DS Bhardwaj #सत्कर्म ही #जीवन है
"नदी " का पानी "मीठा " होता है क्योंकि 
नदी हमेशा पानी  "देती " रहती है।
 और "सागर " का पानी "खारा" होता है ,
क्योंकि
 वह हमेशा पानी "लेता " रहता है। 
और "नाले "का पानी "दुर्गंध" देता है, क्योंकि 
वह " रुका " हुआ होता है ।
"यही तो जिंदगी है "
"देते रहोगे " तो
सबको " मीठे" लगोगे, 
"लेते रहोगे" तो सब को "खारे "लगोगे,
"और रूक गये "तो " बेकार "लगोगे।
"सत्कर्म ही जीवन है"
DS Bhardwaj #सत्कर्म ही #जीवन है