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White वो परम पुरुष जिसकी बनावट से परे, परित: कुछ भ

White वो परम पुरुष जिसकी बनावट से परे,
परित: कुछ भी नहीं है,
वह स्वयं भी उससे बाहर नहीं है,
अंदर,बाहर कहके कुछ नहीं है,
पूरा ब्रह्मांड उसी में है,वही है,
वसन,वासन के नाम पर भी कुछ नहीं है,
जैसे हमारी आपादमस्तक नग्न काया,
बस उसी के प्रतिरूप हम,
हम उसी को स्वयं को समर्पित मानते हैं,
ये लौ जब मिट्टी ढहाके निकलेगी,
तब स्वयं को सोचता हूं,
आंत्र,मल, मूत्र से विसर्जित मैं,
उसके कोमल हृदय स्पंदन में जा बसूं,
जहां से फिर जठराग्नि में पड़कर,
मल, पित्त,कफ,स्वेद बनना न पड़े,
हे परमात्मा परम पुरुष!

©BANDHETIYA OFFICIAL
  #परम पुरुष का हृदय स्पंदन बनूं।

#परम पुरुष का हृदय स्पंदन बनूं। #भक्ति

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