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प्रकृतिधरा निराली अंबर प्यारा बहती नदिया कल कल जल

प्रकृतिधरा निराली अंबर प्यारा
बहती नदिया कल कल जल की धारा

सूरज निकले जग उजियारा
रात घनेरी चंद्र सहारा

घने वृक्ष फल फूलों से संवारा
महकी बगिया भंवरे हुए आवारा

कोयल कुके प्रफुल्लित नजारा
हरित देश निवासी सौभाग्य हमारा

प्रेम की वाणी सदाचार व्यवहार प्यारा
भारतवर्ष सिरोताज शिरोमणि हमारा

धरा निराली अंबर प्यारा
बहती नदिया कल कल जल की धारा

©kanchan Yadav
  #प्रकृति