White रही चीखती वो, खड़े मौन तुम थे, यही देह-काया, कहो कौन तुम थे। यही बैनरें थीं, पताके यही थे, यही देश-दुनिया, कहीं गौण तुम थे। मनाया यहीं था दिवस बेटियों का, नहीं पाप की भीत फिर भी ढही है।। न होना जिसे था, हुआ तो वही है, जिसे पूछ डाला, खरा वो सही है... ©रजनीश "स्वच्छंद" #GoodMorning #Betiyaan #betibachaobetipadhao