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अगर सच से पतली डोर भर से बंधा, पतंग जैसा, मेरा वजू

अगर सच से पतली डोर भर से बंधा, पतंग जैसा, मेरा वजूद... 
सरज़मीन ए हक़ीक़त पर संजीदा शजर है उनकी शख़्सियत! 
"तो पतंग अक्सर शजरों में उलझ कर दम तोड़ते हैं!

©Shubhro K
  #21Jun2022
shubhrokdedas6046

Shubhro K

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#21Jun2022 #Love

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