ना जाने इस दौर भाग के जीवन में ज़िंदगी किधर है लोग जहां सांसें लेना भूल जाते हैं वहां ज़िंदगी किधर है कोई अपनी पहचान बनाने में अपनो से ही दूर हो रहे हैं फिर जीने वाली ज़िंदगी किधर है जिसे काम नहीं वो काम के लिए मर रहे जिसे काम है वो काम कर कर के मर रहे ना जाने फिर लोग ज़िंदगी कैसे जी रहे मर मर के हासिल की हुई दौलत ले के भी नहीं जाना फिर लोग उसके पीछे रोज मर रहे इतनी जरूरी है क्या दौलत लोग इकलौती ज़िंदगी भी नहीं जी रहे खैर जिसे जहा मिले खुशी वही उसकी ज़िंदगी है और मैं तलाश में हूं खुद की जिंदगी की 🤪 और बस इतना पता है पैसा , दौलत, दिखावा इनके लिए मैं नहीं जीता तलाश जारी है और मैं मज़े में हूं लेकिन ना जाने ये जिंदगी किधर है? वैसे सक है मुझे कहीं मैं जी तो नहीं रहा? अरे यार मस्त जी रहा हूं मैं वो कहते है ना मंजिल से ज्यादा खूसबूरत उसका रास्ता होता है💯 मेरा तो दोनो ही बेहतरीन है🥰 #आयुष_राज ©Ayush Raj #selfhate