ना जाने आप किन ख्वाहिशों को सजाते हैं दिन-रात, किस इश्क़-मोहब्बत की आप करते हैं बात? जनाब....कुछ हमारे भी हैं जज़्बात... जो जुड़ पाए हैं बस हिन्द के साथ, हिन्द ही है हमारी मोहब्बत -ए -खास, करते हैं हम बस हिन्द की ही बात..! करते हैं हम बस हिन्द की ही बात..! ©Deepali Singh #पुलवामा #वीर