" लफ्जों की कीमत कहां, पैसों से सब होता है , दान पत्रिका में देख कर आशीर्वाद भी मिलता यहां है ईश्वर के दर्शन को भी, लाइन में लगना पड़ता है, लाइनों का भी दाम चुकाना होता है । अपनों को मनाने के लिए अपनों की हा में हा मिलाना पड़ता है।"" (कंचन यादव) #फैक्ट of life