कुछ हल्की है कुछ भारी है ,हां बातें है और बहुत सारी है तुम दिल लगाकर सुनना ,हम सारी बातें बताएंगे तुम्हारा दिल लगाना अब ,मेरी जिम्मेदारी है कुछ हल्की है कुछ भारी है,पर बातें बहुत सारी है वो बारिश जो उस रोज हुई थी,मुझमें एक आशिक की खोज हुई थी खुद मे समेटे जैसे मेरे दिन और रात मिले थे,मंजिल कहुं या रास्ते दोनो ही एक साथ मिले थे आंखो पे दबाव था दिल का होंटो ने हामी भर दी थी,लड़ने लगी थी सांसे अब उनकी भी हिस्सेदारी है कुछ हल्की है कुछ भारी है,पर बातें बहुत सारी है दर्द है जख्म हैं और मरहम भी है,मिलने की खुशी उनके खोने का गम भी है खेर कहानी उलझे पड़े तारों की रही है,चांद की छाया के पास आके टूटे उन तारों सी रही हैं कुछ धोखा वक्त कुछ अपनी भी मक्कारी है,कुछ हल्की है कुछ भारी है तुम आना वक्त लेके ,मेरे पास बातें बहुत सारी है ©पूर्वार्थ #चाय #प्याला #तुम #मै #नोजोटो_हिंदी