कश्तियां समंदर मै बहुत थी मगर जिसमे हम सवार थे छेद उसी मै था पानी भी वफादार निकला समंदर का डुबाया वही जहा खुद काम था किसी से शिकवा भी नही हे मुझे क्यों की उस कश्ती को हमने ही चुना था ©Girish Dindorkar डूबती कश्ती #river Read my thoughts on YourQuote app at https://www.yourquote.in/girish-dindorkar