ख़्वाब और हक़ीक़त का मिलन कई ख़्वाब देखे यह दिल, बड़ा ही दिलवाला है, ख़्वाबों को हक़ीक़त में बदलना कहाँ आसान है! शिद्दत से चाहतों की रस्सी पकड़ कर चलना है, एक कलाबाज की तरह किस्मत आज़माना है। बारिश की बूंदों का सूरज से जब होता है मिलन, इन्द्रधनुष के रंग से पुलकित हो उठता है गगन, ठान लो उस किसान की तरह तुम भी गर, बंजर पर झर-झर बूंदों से बन जाएगा उपवन। बेकाबू न हो जाना ख़्वाबों की मृगतृष्णा में, प्यास तो सिर्फ निर्मल जल से बुझाना है, मैखाने ख़्वाबों को सजाते ज़रूर हैं दोस्त, ख्वाबों को तेरी हक़ीक़त की कसौटी पर उतरना है।। #restzone #rzलेखकसमूह #rztask285