सुनो! आज दिपावली है, ज़रा जल्दी लौट आओ घर की दीवारों पर, हमें प्रेम रंगना है और आत्मीयता की किरणें,उकेरनी हैं मधुरता से चौखट की जिम्मेदारी मेरी, मखमली शब्दों से सी कर बनाऊँगी, एक प्यारा तोरण आम के पत्तों से और शुभ लाभ चिन्हित,कर घर के हर कोनों पर हम रचेंगे रंगोली जैसे, ईश्वर रचते हैं हमें हर रंग, गुण, रूप, पात्र और पहनावे से सुसज्जित विभिन्न क्रीड़ा करते अनेकों कठपुतलियां... सुनो! बताशे और पान के पत्ते ले आना मैं ले आऊंगी मीठे फल और धान की लाई तोड़ लाऊँगी प्रभु के प्रिय पुष्प और दूर्वा फिर सजाएंगे मंदिर दीपमालाएँ लगाकर बारी बारी से करेंगे हर दीप प्रज्वलित और करेंगे प्रार्थनाएं सबकी खुशियों की.... ✨ शुभ दिपावली ✨ ©“Midnighter” #रोशिनी