हवाओं ने अपना वेग बदला है पेड़ो की साख़ ने पतझड़ से उबर हरियाली से धरती का दामन चूमा है भोर भया है चितमन की काया बदली है कोयल की कुहु-कुहू से चिड़ियों की चेहचेआहट तक तितलियों के ख़ूबसूरती से मधुमक्खी के भिनभिनाहट तक सबकी रंगत बदली है नय पादप ने धरती का सीना चीर आसमा से हाथ मिलाया है सुनहरे खिलते कुसुम की खुश्बू ने वादियों का मन बहलाया है हल्की थंडी हवाओं के साथ सरसों औऱ मक्का का लहराना खेतों की हरियाली देख किसानों का मन भाना सूरज की किरणों ने बादलों से मुकर धरती पर अपना तेज़ बिखेरा है आसमा के तारे जमी पर आकर घर के आंगन में जुगनू की तरह टिमटिमाकर रोशनी से नाता जोड़ा है बच्चों से लेकर बुढो तक कि यही ज़ुबानी है सबसे सुंदर सबसे प्यारा बसंत ऋतु की कहानी है। ©Akhilesh Dhurve #Basant_Panchmi #nojotohindi #quote #nojotokavita #nojotokahaniyan #nojotopoetry #Nojoto #reading #Hindi #poem