#Love#Life#shyari#Dil#poem पापा की प्यारी, माँ की जान है वो
छोटे चेहरे पे हल्की मुस्कान है वो
नाक के नीचे वाले तिल की शान है वो
एक पल मे गुस्सा जैसे उसकी पहचान है वो
थोड़ी सी सुलझी थोड़ी नादान है वो
पतली सी पगली नन्ही सी जान है वो
कुछ बनने की चाह है उसकी