जो एक का नहीं हो सकता वो तुम्हारा होने का क्या भरोसा देगा जानते हुए भी वो और भी कहीं फिदा है आगे चलोगे तो तुम्हारा ज़मीर भी दोखा देगा दिल एक से लगाया जाता है हर किसी को अपना नहीं बनाया जाता है ।। जो एक का नहीं हो सकता वो तुम्हारा होने का क्या भरोसा देगा जानते हुए भी वो और भी कहीं फिदा है आगे चलोगे तो तुम्हारा ज़मीर भी दोखा देगा