डायरी और कैलेंडर की व्यथा (कविता अनुशीर्षक में) #yqdidi #hindikavita चमकते दमकते सामानों में रंग बिरंगे बिकते फोन की दुकानों में अब हमारी अहमियत है नगण्य ,गौण अब हमें पहचाने कौन? उदास ,हताश सी