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’"घर परिवार को सहेजते सहेजते नारी राजमहल से खंडहर

’"घर परिवार को सहेजते सहेजते नारी
राजमहल से खंडहर बन जाती है।
साहस धैर्य और त्यागी की मूर्तरूप है नारी
जब बात सम्मान पर आए तो
काली चंडी बन जाती है नारी"

 ✍️गुड़िया

©गुड़िया तिवारी
  #womeninternational नारी