इश्क़ के सफ़र में सोचा था मिलेंगी मंज़िल, मुझे इज़हार की चाहत थी, मुझें इन्कार मिला हैं... तन्हा रोया हूँ बहुत तब जरा करार मिला है, इस जहाँ में किसको भला सच्चा प्यार मिला है... गुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर से, एक ख़तम ना हुआ औऱ दूसरा तैयार मिला है... ✍My_Words... मुझें इजहार की चाहत थी ...😑😑 #Life #Love #Philosophy #NojotoHindi #SunSet #Motivation #QandA #WOD #Relationships #Trust sheetal pandya मेरे शब्द