मन्दिर कोई मन्दिर सूना सूना भीड़ किसी में भारी धक्का मुक्की से बचने की विफल हुई तैयारी दर्शन करने हेतु लगी है लम्बी कहीं कतार कहीं भक्त आराम से बैठे संख्या में दो चार पूजनीय दोनों मन्दिर हैं देव एक ही रहते फिर भी दोनों में अन्तर क्यों भेद भाव हैं सहते घर का मन्दिर भी है सुंदर उससे मन नहीं भरता कहीं एक मन्दिर में मानव का मन नहीं ठहरता बेखुद ज्ञानी लोग हैं कहते मानव तन भी मन्दिर जिसके अंदर सभी देवता रहते हरदम हाजिर ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #Tample