नफरत की आग #shiwangi नफ़रतो की आग मे जल रहे हैं, मृत रिश्तों की आस मे जी रहें है, रूपये, पैसे हों गर तेरे नसीब मे , उसे छीनने की आस मे जी रहें हैं, बाप के बुढापे की लाठी ना बन सके , उनकी जय्जाद के लिये लड़ रहें हैं, भाई भाई की कहानी मे बाप को जिन्दा लाश कर रहे हैं, नफ़रतों की आग मे जल रहे हैं । #nafratokiaagmejalrhe