Nojoto: Largest Storytelling Platform

अरे तुम क्या जानो दास्तां किसानों की जो जमीन को ची

अरे तुम क्या जानो दास्तां किसानों की
जो जमीन को चीर उम्मीदों को बोए
बिना आश्चर्य और साहस को खोए
पूरी सृष्टि जिसके कारण चैन से सोए
ये हस्ती है इन किसानों की

जीवन जीने के लिए बहुमूल्य है ये
खुद खाकर रूखी सूखी
सबका पेट भरते हैं ये
माता पिता के तुल्य हैं ये
कौन समझाए इन कुर्सी के दीवानों को
जिन्हें लगते आज बबूल है ये

अपने खून पसीने से सिंच कर उगाए
जेठ की दुपहरी में खेतों में खुद को जलाए
इससे पूर्ति नहीं हो पाती इनकी छोटी सी अरमानों की
फिर भी डटे रहते हैं खेतों में जैसे जंग हो मैदानों की
ये हस्ती है इन किसानों की

भूखे इंसान से पूछो क्या महत्व है खानों की
उनसे बेहतर कोई नहीं बता सकता जो मोहताज है दानों दानों की
इन पर जुर्म करते शर्म भी नहीं आती
नियति तो देखो इन जाहिल हुक्मरानों की


क्या खूब सिला दिया है इनके एहसानों की
क्या कीमत लगाई है इनके उगाए हुए दानों की
हर आदेश माने तुम्हारी गुलाम नहीं देश का अभिमान है हम
और गर्व से कहते हैं हां हां किसान हैं हम।

©Prashant yadav #Dil#की#वेदनाएं#हां#हम#किसान#हैं

#farmersprotest
अरे तुम क्या जानो दास्तां किसानों की
जो जमीन को चीर उम्मीदों को बोए
बिना आश्चर्य और साहस को खोए
पूरी सृष्टि जिसके कारण चैन से सोए
ये हस्ती है इन किसानों की

जीवन जीने के लिए बहुमूल्य है ये
खुद खाकर रूखी सूखी
सबका पेट भरते हैं ये
माता पिता के तुल्य हैं ये
कौन समझाए इन कुर्सी के दीवानों को
जिन्हें लगते आज बबूल है ये

अपने खून पसीने से सिंच कर उगाए
जेठ की दुपहरी में खेतों में खुद को जलाए
इससे पूर्ति नहीं हो पाती इनकी छोटी सी अरमानों की
फिर भी डटे रहते हैं खेतों में जैसे जंग हो मैदानों की
ये हस्ती है इन किसानों की

भूखे इंसान से पूछो क्या महत्व है खानों की
उनसे बेहतर कोई नहीं बता सकता जो मोहताज है दानों दानों की
इन पर जुर्म करते शर्म भी नहीं आती
नियति तो देखो इन जाहिल हुक्मरानों की


क्या खूब सिला दिया है इनके एहसानों की
क्या कीमत लगाई है इनके उगाए हुए दानों की
हर आदेश माने तुम्हारी गुलाम नहीं देश का अभिमान है हम
और गर्व से कहते हैं हां हां किसान हैं हम।

©Prashant yadav #Dil#की#वेदनाएं#हां#हम#किसान#हैं

#farmersprotest