बातों में यादें है और यादों में दर्द है मिलने मुझसे आ रही थी लगता है रास्ता भटक़ गईं मिलने मुझसे आ रही थी लगता है रास्ता भटक़ गईं कुछ देर बाद नज़र आई पर किसी और के कन्धे पर कुछ देर बाद नज़र आई पर किसी और के कन्धे पर हाथ ढाल कर चली जा रही थी ©kishan mahant #शरदपूर्णिमा