कि क्या लिखु की वो परियो का रूप होती है या कड़कती सर्दियों में सुहानी धुप होती है वो होती है चिड़िया की चचाहट की तरह या कोई निश्चिल खिलखलाहट वो होती है उदासी के हर मर्ज की दवा की तरह या उमस में शीतल हवा की तरह वो आंगन में फैला उजाला है या गुस्से में लगा ताला है वो पहाड़ की चोटी पर सूरज की किरण है, वो जिंदगी सही जीने का आचरण है है वो ताकत जो छोटे से घर को महल कर दे #MeraShehar betiyan bahut anmol hai betiyan ko koi mol nhi hai