Nojoto: Largest Storytelling Platform

बहती हूं मैं हवाओं सी बजती है सरगम की धुन कोई मुझम

बहती हूं मैं हवाओं सी
बजती है सरगम की धुन कोई
मुझमें मैं अब ढूंढूं राग नया
गीत में लफ़्ज हो नए
धुन जो छिड़े कोई पुरानी सी
छू कर मन को गुजरती हो
तार जो दिल के छेड़ती हो
नयी बहारों सी मुझमें कहीं बसती हो
सरगम के रागों का नया मेल बनती हो
नयी-पुरानी धुन जोड़ कर 
प्यारा सा कोई गीत कहीं सुनती हो
ऐसी ही हवाओं में मैं बहती हूं।।

©Kanchan Singla
  #एक_ख्याल कविता

#एक_ख्याल कविता

256 Views